अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष…

नारी जीवन का गौरव मातृत्व- श्रीमती स्मिता संतोष पांडेय

जांजगीर। तमाम कोशिशों और घोषणाओं के बावजूद आज भी समाज के कई हिस्सों में महिला और पुरुष के बीच भेदभाव किया जाता है। इस अंतर को समाप्त किए बगैर पूरी तरह महिला सशक्तिकरण की बात करना बेमानी है। इसके लिए समाज के तथाकथित ठेकेदारों को आदम युग से चली आ रही मान्यताओं को भूलकर दुनिया के वर्तमान परिदृश्य पर अपनी नजर डालनी होगी। जब तक लोगो के मन से पुरुष के महिला से बेहतर होने की भावना बाहर नही जाएगी, तब तक महिलाओं को यथोचित स्थान नही मिल पायेगा। महिलाओं को समाज मे बराबरी का स्थान दिलाने के लिए कई कानून बनाएं गए है, लेकिन इन्हें वास्तविकता में लागू करने में ढिलाई बरती जाती है। महिलाओं को समाज में पुरुषों के समान हिस्सेदारी दिलाना केवल सरकार के बूते की बात नही है। इसके लिए खुद समाज मे जागृति की आवश्यकता है। श्रीमती स्मिता का कहना है कि जरूरतमंद महिलाओं की मदद अवश्य करें।

श्रीमती स्मिता संतोष पांडेय, समाजिक कार्यकर्ता ग्राम-सरहर, बाराद्वार

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Shahajada Khan

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