जांजगीर/ अकलतरा। मानवता की भलाई के लिए देहदानी की अनुकरणीय मिसाल करने वालों में ग्राम कोनारगढ़ पामगढ़ निवासी देहदानी पदुमन लाल वर्मा का नाम भी शामिल हो गया। उन्होंने 43वर्ष तक शिक्षा विभाग में अर्थशास्त्र व्याख्याता के पद में सेवा देते हुए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डोंगाकोहरौद से 30 सितंबर 2023 में रिटायर हुऐ है। जिन्होंने अपना मृत्यु उपरांत अपने शरीर को शरीर रचना विभाग छत्तीसगढ़ आयुर्वेद विज्ञान संस्थान सिम्स बिलासपुर को देहदान का संकल्प पत्र देकर एक अनूठी मानवता की एक नई सेवा की मिसाल पेश की यह संकल्प पत्र अपने बड़े पुत्र नादेश्वर प्रसाद वर्मा एवं दो गवाहो के समक्ष रचना विभाग छत्तीसगढ़ आयुर्वैदिक संस्थान सिम्स बिलासपुर को प्रस्तुत किया जिसमें मृत्यु के बाद घर वालों वह रिश्तेदारों को किसी भी प्रकार आपत्ति करने का कोई अधिकार नहीं होगा एवं उनकी जिम्मेदारी होगी कि शरीर रचना विभाग आयुर्वेदिक संस्थान सिम्स बिलासपुर को सूचना दें। उन्होंने बताया कि उसका लड़का मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की पढ़ाई कर रहा था। तो मानव शरीर नहीं मिलने के कारण पढ़ाई में क्या-क्या समस्या आती है। और मानव शरीर की कितनी आवश्यकता है। उन सब को जानने के बाद उन्होंने उसी समय से ठान लिया था।
की मैं भी मेडिकल पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए अपना शरीर मृत्यु उपरांत दान करूंगा। मृत्यु के बाद भी मैं मेरा शरीर समाज सेवा के लिए कुछ काम आ सके वैसे तो मृत्यु के बाद शरीर को जला दिया जाता है जिसके चलते प्रदूषण भी होता है। मृत्यु के बाद भी मेरा शरीर समाज सेवा के लिए कुछ काम आ सके। यह सोच रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।