Tribal Museum Chhattisgarh: इस संग्रहालय में मूर्तियां और जनजातीय कलाकृतियां निर्माण करने के लिए क्यूरेटर प्रबल घोष के नेतृत्व में बड़ोदरा, कोलकाता, ओड़िसा, हैदराबाद, दिल्ली, झारखण्ड और बिहार से आये शिल्पकार काम कर रहे हैं.
Tribal Museum Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर में आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के पास बन रहे ‘शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय’ का निरीक्षण किया। इस संग्रहालय का निर्माण 45 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 10 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है और यह छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है। मुख्यमंत्री के साथ आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम भी उपस्थित रहे और काम की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री साय ने संग्रहालय में मूर्तियों, कलाकृतियों, और विभिन्न मॉडलों का अवलोकन किया और मूर्तिकारों से उनकी कला पर चर्चा की।
खास क्या होगा?
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ट्रायबल म्यूजियम छत्तीसगढ़ के जनजातीय गौरव का एक प्रमुख केंद्र बनेगा। यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की देशभक्ति, शौर्य, और बलिदानों को दर्शाते हुए राज्य की गौरवशाली विरासत को संरक्षित करने का एक अनूठा प्रयास है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों और निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधियों को गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए समय पर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस संग्रहालय के माध्यम से युवा पीढ़ी और भविष्य की पीढ़ियाँ अपने इतिहास को जान सकेंगी। यह संग्रहालय आदिवासी संस्कृति और सभ्यता में रुचि रखने वाले लोगों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण होगा, और यहां छत्तीसगढ़ के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह सहित सभी जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को करीब से जानने का अवसर मिलेगा।
शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक और जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी राज्य संग्रहालय में शहीद वीर नारायण सिंह की फाइबर प्रतिमा, उनका स्मारक, फांसी स्थल, एक छोटी झील, और सुंदर लैंडस्केप तैयार किया जाएगा। संग्रहालय में वीर आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी। यहां रिसेप्शन, सॉविनियर शॉप, फूड कोर्ट, मल्टीमीडिया रूम, शौचालय, और पार्किंग जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में लाइब्रेरी और छत्तीसगढ़ के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण घटनाओं के मॉडलों का निरीक्षण किया। लाइब्रेरी के दौरे के दौरान, आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने छत्तीसगढ़ की जनजातीय लोक वाद्य संस्कृति पर आधारित पुस्तक ‘आदि नाद’ में छपे QR कोड को अपने मोबाइल से स्कैन किया। स्कैन करने पर वाद्ययंत्र की धुन सुनाई देने लगी।