जश्न के साथ होगा नए कानूनों का स्वागत, 1 जुलाई को जिला और थाने स्तर पर होंगे कार्यक्रम…
1 जुलाई से देश भर में नए आपराधिक कानून को लागू कर दिया जाएगा। इनका स्वागत जिला मुख्यालय पर ढोल-नगाड़ों के साथ किया जाएगा। इस बीच पुलिस विभाग ने पहले से समझना शुरु कर दिया है। नए कानूनों के बारे में 60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया।
- स्वतंत्रता के बाद पहली बार कानूनों को न्याय केंद्रित किया गया।
- 1 जुलाई को जिलों में कार्यक्रम आयोजित कर दी जाएगी जानकारी।
- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम होंगे लागू।
भोपाल। नए कानूनों का प्रदेश भर में जोरदार स्वागत की तैयारी है। प्रत्येक थाना क्षेत्र और जिला मुख्यालय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिले के कार्यक्रम में वहां के पुलिस अधीक्षक, जनप्रतिनिधि सहित जिले के बुद्धिजीवी लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। कुछ जगह ढोल-नगाड़े से स्वागत की तैयारी भी जनप्रतिनिधियों ने की है।
बता दें कि देशभर में एक जुलाई से न्याय केंद्रित तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने जा रहे हैं। स्वतंत्रता के बाद पहली बार कानूनों को दंड नहीं बल्कि न्याय केंद्रित किया है।
एडीजी सीआइडी पवन श्रीवास्तव ने बताया कि थाना क्षेत्र में किसी भी उपयुक्त जगह पर कार्यक्रम होगा। इसमें सेवानिवृत पुलिस अधिकारी, महिलाएं, बजुर्ग, स्कूल-कालेज के विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। पहले नए कानूनों के बारे में बताया जाएगा। इसके वाद-विवाद प्रतियोगिता होगी। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।
नए कानूनों के संबंध में दी गई जानकारी
उन्होंने बताया कि नए कानूनों के संबंध में प्रदेश भर में 60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है। उन्हें बदलावों के संबंध में बताया गया है। इसके अतिरिक्त सॉफ्टवेयर में किस तरह से एंट्री की जानी है। साक्ष्य कैसे एकत्र किए जाने हैं। इन सभी बिंदुओं पर उन्हें जानकारी दी गई।
प्रदेश पुलिस ने किया विवेचकों को प्रशिक्षित
राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (एससीआरबी) के अधिकारियों ने बताया कि जिलों में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और माक टेस्ट के माध्यम से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बारे में जानकारी दी गई। प्रदेश पुलिस ने 31 हजार से अधिक विवेचकों को प्रशिक्षित भी किया है।
सीसीटीएनएस के बारे में कर्मचारियों को दी गई ट्रेनिंग
सभी जिलों में क्राइम एंड क्रिमनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) का संचालन करने वाले पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को भी बताया गया है कि वह दैनिक रिपोर्ट सीसीटीएनएस में किस तरह अंकित करें। एडीजी एससीआरबी चंचल शेखर ने बताया सीसीटीएनएस में जरूरी बदलाव कर लिए गए हैं जो 30 जून की रात 12 बजे से प्रभावी हो जाएंगे।