10 फ़रवरी, 1962 को जन्मे न्यायमूर्ति सूर्यकांत का न्यायिक और कानूनी करियर बेहद शानदार रहा है। सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति से पहले, उन्होंने हरियाणा के महाधिवक्ता के रूप में कार्य किया और युवावस्था में ही उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किया गया।
Justice Surya Kant: नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की है। इसके साथ ही भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत हो गई है। मौजूदा न्यायमूर्ति बीआर गवई 23 नवंबर, 2025 को 65 वर्ष की आयु पूरे करने के आठ ही रिटायर हो जायेंगे। बता दें कि, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने हाल ही में मुख्य न्यायाधीश गवई को पत्र लिखकर स्थापित प्रक्रिया के अनुरूप अगले मुख्य न्यायाधीश के लिए उनकी सिफारिश मांगी थी।
Chief Justice of India, Justice Bhushan Ramkrishna Gavai, recommends the name of Justice Surya Kant, the senior-most Judge of the Supreme Court, as his successor to be the 53rd Chief Justice of India.
Photo source: Supreme Court of India pic.twitter.com/3ibrilRFNe
— ANI (@ANI) October 27, 2025
क्या है CJI चयन की प्रक्रिया?
Justice Surya Kant: भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति प्रक्रिया ज्ञापन (एमओपी) द्वारा नियंत्रित होती है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति, स्थानांतरण और पदोन्नति की रूपरेखा निर्धारित करता है। प्रक्रिया ज्ञापन के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, जिन्हें पद धारण करने के लिए उपयुक्त माना जाता है, उन्हें ही अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में अनुशंसित किया जाता है।
इस परंपरा के अनुसार, न्यायमूर्ति गवई के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, न्यायमूर्ति सूर्यकांत को इस शीर्ष न्यायिक पद के लिए अनुशंसित किया गया है। राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक नियुक्ति के बाद, न्यायमूर्ति कांत 24 नवंबर, 2025 को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे और 9 फ़रवरी, 2027 तक लगभग 15 महीने का कार्यकाल पूरा करेंगे।
कौन है सीनियर जस्टिस सूर्यकांत?
Justice Surya Kant: 10 फ़रवरी, 1962 को जन्मे न्यायमूर्ति सूर्यकांत का न्यायिक और कानूनी करियर बेहद शानदार रहा है। सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति से पहले, उन्होंने हरियाणा के महाधिवक्ता के रूप में कार्य किया और युवावस्था में ही उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किया गया। वर्तमान में, न्यायमूर्ति कांत प्रमुख संस्थागत भूमिकाएं निभा रहे हैं – वे राष्ट्रीय विधि अध्ययन एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय, रांची के विजिटर के रूप में कार्य करते हैं, तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के पदेन कार्यकारी अध्यक्ष हैं।




