जयपुर,/ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अंगदान को “मानवता की सबसे बड़ी अच्छाई” बताते हुए इसकी करुणा और निःस्वार्थता की सराहना की। उन्होंने अंगदान को एक सकारात्मक परंपरा बनाने की अपील की और इसे समाज के भले के लिए दान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
जयपुर, :भारत के उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने आज अंगदान को “मानवता की सबसे बड़ी अच्छाई” बताया। उन्होंने कहा कि अंगदान केवल शारीरिक मदद नहीं है, बल्कि यह करुणा और निःस्वार्थता का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
जयपुर में एक कार्यक्रम में, उपराष्ट्रपति ने अंगदान करने वाले परिवारों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि अंगदान को मानवता की सेवा की एक महान परंपरा के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए। उन्होंने सभी से अपील की कि वे अंगदान को समाज में एक सकारात्मक परंपरा बनाने की कोशिश करें और इसे “Be the Reason for Someone’s Smile Today” (किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने का वजह बननें) के विचार से जोड़ें।