पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को एक और खुशी मिली जब पहलवान अमन सेहरावत ने पुरुषों के फ्रीस्टाइल 57 किलो वजन वर्ग में कांस्य पदक जीता। शुक्रवार रात को अमन ने प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज को 13-5 से हराकर यह पदक अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही भारत ने अब तक कुल 6 पदक जीते हैं।
अमन सेहरावत का ओलंपिक तक का सफर बहुत कठिन रहा है। उनके माता-पिता का निधन जब वे बचपन में ही हो गया था। अमन हरियाणा के झज्जर जिले के बिरोहर गांव के रहने वाले हैं और जाट परिवार से ताल्लुक रखते हैं। जब अमन 10 साल के थे, उनकी मां की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई और एक साल बाद उनके पिता का भी निधन हो गया।
माता-पिता की मौत के बाद अमन और उनकी छोटी बहन पूजा को उनकी मौसी ने पाला। इस कठिन समय में अमन गंभीर अवसाद से गुजरे, लेकिन उनके दादा मांगेराम सेहरावत ने उन्हें सहारा दिया और उनकी मदद की। धीरे-धीरे अमन ने कुश्ती में अपनी मेहनत और लगन दिखाना शुरू किया।
अमन ने कुश्ती के प्रति अपने जुनून को बनाए रखा और कोच ललित कुमार के अधीन प्रशिक्षण लिया। 2021 में अमन ने अपना पहला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खिताब जीतकर ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2022 में एशियन गेम्स में 57 किलोग्राम वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल और 2023 एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीते। जनवरी 2024 में उन्होंने जागरेब ओपन कुश्ती टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम और भी रोशन किया।